महिला सश्क्तिकरण के नये युग का सुत्रपात हो चुका है । जिस पति के अन्य महिलाओं के साथ सम्बन्ध होने पर आपत्ति थी उसी से पैसे लेकर अपने प्रेमी के हाथों पत्नी ने पति की सुपारी उठा दी । जाहिर है पति महोदय को इस अवैध सम्बन्ध पर आपत्ति थी। खबर क्योंकि दिल्ली से है इसलिये प्रमुखता से छप भी पायी नहीं तो छोटे शहरों में ऐसी घटनाओं को कौन सा अखबार छापता है ? पर जाको राखे सांईया, मार सके न कोई वाली बात को चरितार्थ करते हुए, सिर में दो गोली लगने के बाद भी पति महोदय जीवित बच गये । अब सवाल यह है कि क्या इस महान पतिव्रता महिला को सजा मिल पायेगी ? भारत की पुलिस, कानून और अदालते महिला अपराधियों पर बहुत दयावाल और मेहरबान रहती है । फिर भी आशा पर दुनिया कायम है । वैसे तो पुरुष को न्याय मिलाना एक बहुत ही मुश्किल काम है पर फिर भी जोर से बोलो ” वी वान्ट जस्टिस” !
Need to expose the false women empowerment …. ….. well done
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