नवभारत टाइम्स, लखनऊ में दिनांक 15-04-2015 को प्रकाशित इस खबर का मुलाहिजा कीजिये । देखिये कैसे एक अबला नारी ‘डान-गिरी’ के आगे पूरी जेल व्यवस्था ध्वस्त है । आखिर सशक्तिकरण की बयार जेल तक क्यों न पहुंचे ? है किसी ओरिजिनल माई के लाल में हिम्मत जो मैडम की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगा सके । अगर आपने ओरिजिनल माँ का दूध पीया हो जेल विभाग से इनाम मिलना पक्का ।
वो सूत्र याद आ रहा है – यत्र नारि पूज्यते …
प्रणाम देवी ।
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