एक सरहानीय पहल ! राजस्थान महिला आयोग ने सार्वजनिक रूप से माना की महिलाओं के द्वारा फ़र्जी मुकदमें लिखाये जाते हैं । साथ ही एक जिम्मेदार संस्था के रूप में फ़र्जी केस करने वालीयों के लिये महिला आयोग के दरवाजे बन्द किये । (खबर – राजस्थान पत्रिका, 21 फ़रवरी 2016 के हवाले से)